Thursday, 29 April 2021

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थिंपू भारत जब कोरोना के भीषण कहर से जूझ रहा है, उस समय तक पड़ोसी देश अपने 93 फीसदी लोगों का वैक्सीनेट कर चुका है। इस छोटे से पहाड़ी राज्य की इस सफलता पर दुनिया के सभी देश हैरान है। भूटान के कई इलाके तो ऐसे हैं जहां जाने के लिए सड़क भी उपलब्ध नहीं है। बर्फीली नदियों और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों से घिरे इस देश ने भारत से मुफ्त में मिली वैक्सीन से सफलता की नई कहानी लिख दी है। अबतक 93 फीसदी वयस्क आबादी का हुआ वैक्सीनेशन भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की शीशियां पिछले महीने हेलीकॉप्टर से इस देश में पहुंची थी। जिसके बाद इस पहाड़ी देश ने वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू करने के लिए पूरे देश के स्वास्थ्यकर्मियों को तैनात किया गया। इन लोगों ने एक गांव से दूसरे गांव तक कभी बर्फ तो कभी नदियों को लांघते हुए वैक्सीनेशन का काम जारी रखा। इसी का नतीजा है कि इस देश में कुल आबादी के 93 फीसदी वयस्कों को अभी तक कोविड वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है। ऊंचे पहाड़ और बर्फीली नदी भी नहीं बन सकी बाधा दुनिया से कटे और अलग-थलग रहने वाले भूटान के ग्रामीण इलाकों के लोगों को वैक्सीन के लिए मनाने में भी स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी आई। लोकल वॉलंटियर्स और स्वास्थ्यकर्मियों ने इलाके के मुखिया को साथ लेकर लोगों को समझाया कि वैक्सीन लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होगा और यह स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए काफी जरूरी है। मार्च के आखिरी में शुरू हुआ था वैक्सीनेशन पिछले शनिवार तक बौद्ध बहुल इस देश में 478,000 से अधिक लोगों को कोविड वैक्सीन की पहली टीका खुराक दी थी। यह संख्या यहां की कुल वयस्क आबादी की 60 फीसदी से अधिक है। वहीं, अब भूटान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि उन्होंने अपनी कुल वयस्क आबादी के 93 फीसदी लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज दे दी है। मार्च के अंत और अप्रैल के शुरुआत में इस देश में 1,200 टीकाकरण केंद्रों पर वैक्सीन पहुंचाई गई थी। वैक्सीनेशन में दुनिया में छठवें स्थान पर भूटान न्यूयॉर्क टाइम्स के एक डेटाबेस के अनुसार, शनिवार तक भूटान में प्रति 100 लोगों में से 63 लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी थी। कोविड टीकाकरण की यह दर दुनिया में छठवें स्थान पर है। मतलब साफ है कि दुनिया में केवल 5 देश ही ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी आबादी को भूटान से ज्यादा वैक्सीनेट किया हुआ है। भूटान का यह दर भारत से सात गुना और वैश्विक औसत से छह गुना ज्यादा है। भूटान के स्वास्थ्य मंत्री ने राजा और जनता को दिया श्रेय भूटान के स्वास्थ्य मंत्री डैशो डेचेन वांगमो ने इस सफलता का श्रेय देश के राजा और लोगों को दिया है। उन्होने कहा कि यहां के लोगों ने वैक्सीन लेने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। वहीं, राजा के निर्देशन में पूरा वैक्सीनेशन अभियान बहुत ही प्रभावी ढंग से चला। डैशो डेचेन वांगमो ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि केवल 750,000 की आबादी वाला छोटा देश होने के कारण ही उन्होंने दो सप्ताह में इस आंकड़े को छूआ है। भारत ने फ्री में दी थी सभी वैक्सीन भूटान के वैक्सीनेशन में सबसे बड़ी बात यह है कि इस देश में जितनी भी कोविड वैक्सीन लगाई गई है, उसे भारत ने दान में दिया है। इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाया है। भूटान की सरकार ने कहा है कि वह पहले दौर के बाद लगभग 8 से 12 सप्ताह के बाद दूसरी खुराक देने की योजना बना रही है। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ के लिए भूटान में काम करने वाले विल पार्क्स ने भी इस अभियान की खूब सराहना की है।


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