
लंदन ब्रिटेन के प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स ने भारत में कोरोना महामारी से पैदा हुई स्थिति पर दुख जताया है और मदद करने की इच्छा जताई है। उन्होंने लिखा है कि एक साल से इस महामारी ने दुनियाभर में लोगों पर असर डाला है। इस हफ्ते भारत से आए भयानक आंकड़ों से बहुत दुख पहुंचा है। उन्होंने भारत में बिताए अपने वक्त को याद करते हुए लिखा है कि उन्हें इस देश के लिए बहुत प्यार है और जैसे भारत ने दूसरे देशों की मदद की है, उसकी मदद भी का जानी चाहिए। प्रिंस चार्ल्स ने लिखा है, 'भारतीय समुदाय की मदद से ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट ने भारत के लिए इमर्जेंसी अपील लॉन्च की है जिससे है इन हालात के बारे में कुछ करने और जिंदगियां बचाने की इच्छा को पूरा किया जा सके। इस समुदाय के कई लोग, व्यापार, ट्रस्ट और फाउंडेशन आगे आए हैं।' उन्होंने उम्मीद जताई है कि और ज्यादा लोग भारत में लोगों की मदद कर सकें। उन्होंने यह भी कहा है कि भारत में इन हालात से गुजर रहे लोग उनकी प्रार्थनाओं में हैं और मिलकर यह जंग जीती जाएगी। वैक्सीन नहीं, पर मदद भेजी वहीं, ब्रिटेन ने मंगलवार को कहा है कि वह फिलहाल कोविड-19 टीकों के लिए अपनी घरेलू प्राथमिकता पर जोर दे रहा है और इस चरण में भारत जैसे जरूरतमंद देशों को मुहैया कराने के लिए उसके पास अतिरिक्त खुराकें नहीं हैं। भारत में महामारी की भयावह दूसरी लहर के संदर्भ में, ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता ने कहा कि इस प्रक्रिया की निरंतर समीक्षा की जा रही है और देश 495 ऑक्सीजन केंद्र, 120 वेंटिलेटर आदि का एक सहायता पैकेज भेज रहा है ताकि भारत में आपूर्ति की कमी को पूरा किया जा सके। एक सौ वेंटिलेटर और 95 ऑक्सीजन संकेंद्रक की पहली खेप मंगलवार तड़के नयी दिल्ली पहुंची। प्रवक्ता ने कहा कि हमने फरवरी में प्रतिबद्धता जतायी थी कि ब्रिटेन को होने वाली आपूर्ति से अतिरिक्त खुराकें 'कोवैक्स खरीद पूल' और जरूरतमंद देशों को दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि अभी हम घरेलू मोर्चे पर जोर दे रहे हैं और हमारे पास अतिरिक्त खुराकें उपलब्ध नहीं हैं।
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