
Magnetic Field Reconnection इवेंट तब होते है जब दो अलग-अलग मैग्नेटिक फील्ड (Opposing magneitc fields) एक दूसरे से मिलती हैं और इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में एनर्जी पैदा होती है।

क्या हमारी गैलेक्सी के केंद्र में ऊर्जा का एक विशाल और अब तक अनदेखा खजाना है? यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाच्यूसेट्स ऐमहर्स्ट के ऐस्ट्रोनॉमर डेनियल वॉन्ग ने हमारी गैलेक्सी के केंद्र में एक 'आक्रामक' प्रक्रिया की डीटेल्स दी हैं। मंथली नोटिसेज ऑफ द रॉयल ऐस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी में छपीं तस्वीरों में एक एक्स-रे धागा जैसा दिखा है। GO.17-9.41 से ऐसी प्रक्रिया के संकेत मिले हैं जिसके बारे में हमें पहले नहीं पता था। यह आकाशगंगा में ऊर्जा के संचार और इसके विकास का कारण भी हो सकता है। वान्ग का कहना है, 'हमें पता है कि गैलेक्सी के केंद्र में सारा ऐक्शन होता है और विकास प्रक्रिया में यह बड़ी भूमिका निभाती हैं।'
एक्स-रे ने किया मुमकिन

हालांकि, गैलेक्सी के केंद्र को स्टडी करना आसान नहीं है क्योंकि इसके इर्द-गिर्द गैस और धूल का घना कोहरा होता है। रिसर्चर्स सेंटर को देख नहीं पाते। इसलिए वान्ग ने चंद्र एक्स-रे ऑब्जर्वेटरी का इस्तेमाल किया जो विजिबल लाइट की जगह एक्स-रे देख सकता है। एक्स रे कोहरे को पार करके भी आ सकती हैं। हमारी आकाशगंगा के बीच में स्थित विशाल ब्लैकहोल के पास के क्षेत्र से एक्स-रे उत्सर्जित करने वाला गुबार मिला है। NASA ने भी वान्ग की खोज से सहमति जताई है।
पहली बार खोज

इसके अलावा उन्हें यहां एक एक्स-रे का धागा GO.17-9.41 मिला है जो पहली बार देखा गया है। उनका कहना है कि यह एक मैग्नेटिक फील्ड रीकनेक्शन इवेंट का सबूत है। उनका कहना है कि इसके पीछे अभी और ज्यादा जानकारी छिपी है जिसे खोजने की जरूरत है। मैग्नेटिक फील्ड रीकनेक्शन इवेंट तब होते है जब दो अलग-अलग मैग्नेटिक फील्ड (Opposing magneitc fields) एक दूसरे से मिलती हैं और इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में एनर्जी पैदा होती है। वान्ग ने बताया है कि यह काफी आक्रामक प्रक्रिया होती है।
कई पहेलियां खड़ी

सूरज में होने वाले विस्फोटों के लिए भी इसे जिम्मेदार माना जाता है। वान्ग का कहना है कि अब ये सवाल खड़े हो गए हैं कि गैलेक्सी के केंद्र से कितनी ऊर्जा बाहर आती है? यह कैसे पैदा होती है और कैसे ट्रांसपोर्ट होती है? गैलेक्सी के ईकोसिस्टम को यह कैसे रेग्युलेट करती है। नई खोज ने आने वाले वक्त में गैलेक्सी के केंद्र पर और ज्यादा रिसर्च की जरूरत साफ कर दी है।
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