Wednesday 30 June 2021

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पेइचिंग चीन में आज की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। पेइचिंग के थियानमेन स्कॉयर पर आयोजित भव्य समारोह में चीनी राष्ट्रपति ने पार्टी की तारीफों के पुल बांधे। पार्टी महासचिव के ओहदे पर बैठे जिनपिंग लोगों को यह बताना भूल गए कि यह वही जगह है, जहां आज से 32 साल पहले निहत्थे चीनी नागरिकों पर कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर टैंक चलवा दिए गए थे। 1948 में आजादी के ऐलान के बाद से चीन ने खूब तरक्की भी की है, लेकिन कई क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां चीन आज भी निचले पायदान पर काबिज है। भारत से उल्टी विचारधारा पर चलता है चीन भारत और चीन ने लगभग एक साल के अंतर पर अपनी-अपनी आजादी का ऐलान किया था। तब से लेकर अबतक भारत में लोकतांत्रिक शासन रहा है, जबकि चीन कठोर कम्युनिस्ट विचारधारा पर चला। चीन में आजादी के बाद से अबतक कम्युनिस्ट पार्टी ने लोगों की आवाज को दबाकर जो चाहा वही किया। मजदूरों का शोषण किया गया, दूसरे धर्मों खासकर इस्लाम पर जुल्म ढाहे गए, तिब्बत में सांस्कृतिक क्रांति कर लाखों लोगों मार डाला गया जैसे कई बड़े कारनामे के नाम हैं। कौन-कौन से क्षेत्र में शीर्ष पर है चीन जनसंख्या: चीन जनसंख्या के मामले में पूरी दुनिया में नंबर एक पर काबिज है। चीन की वर्तमान जनसंख्या एक अरब चालीस करोड़ से भी ज्यादा है। इसके बाद भारत का नंबर आता है। माना जा रहा है कि अगले कुछ साल में भारत इस मामले में चीन को पछाड़ देगा। निर्यात: चीन निर्यात के मामले में भी पूरी दुनिया में नंबर एक पर काबिज है। चीन हर साल 2.6 ट्रिलियन डॉलर (19,34,28,30,00,00,000 रुपये) का निर्यात करता है। इसके बाद दूसरा स्थान अमेरिका का है। अमेरिका हर साल 1431.64 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट करता है। सैन्य खर्च: चीन अपनी सेना पर खर्च करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। चीन अपनी सेना पर हर साल 252 बिलियन डॉलर खर्च करता है। इस मामले में शीर्ष पर अमेरिका काबिज है। अमेरिका का वार्षिक सैन्य खर्च 778 बिलियन डॉलर है। भारत का वार्षिक सैन्य खर्च 72.9 बिलियन डॉलर ही है। ब्राडबैंड: चीन में फिक्स्ड ब्रांडबैंड कनेक्शन पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा है। चीन में ब्राडबैंड कनेक्शन की कुल संख्या 449 मिलियन है। मोबाइल उपभोक्ता: चीन में दुनिया के सबसे ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता हैं। इनकी संख्या 1.8 बिलियन से भी ज्यादा है। मजदूर: चीन में दुनिया के किसी दूसरे देशों की अपेक्षा मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है। चीन से बड़ी संख्या में मजदूर खाड़ी देशों में नौकरी करने भी जाते हैं। चीन में मानव श्रमिकों की कुल संख्या 771.3 मिलियन है। कहां फेल हुआ है चीन इंटरनेट फ्रीडम: दुनिया के सबसे ज्यादा ब्राडबैंड कनेक्शन होने के बाद भी यहां लोगों को इंटरनेट फ्रीडम नहीं मिली है। चीनी लोग इंटरनेट पर वही देख सकते हैं जो सरकार उन्हें दिखाना चाहती है। इतना ही नहीं, चीन में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे कई लोकप्रिय ऐप भी प्रतिबंधित हैं। मानव विकास सूचकांक: चीन अपने लोगों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के मामले में भी फिसड्डी है। संयुक्त राष्ट्र मानव विकास कार्यक्रम की मानव विकास रिपोर्ट में चीन का स्थान 85वां है। चीन में आय में असमानता चरम पर है। इसके अलावा महिलाओं को लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ता है। चीन में जीवन प्रत्याशा, शिक्षा या ज्ञान की पहुंच भी सबतक नहीं है। ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन: खुद को दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बताने वाला चीन प्रदूषण फैलाने के मामले में भी शीर्ष पर है। हर साल चीन 12.5 मिलियन किलोटन Co2 गैस का उत्सर्जन करता है। मौत की सजा: चीन मौत की सजा देने के मामले में भी टॉप परर है। चीन में हर साल इतने लोगों को मौत की सजा दी जाती है कि बदनाम के डर से उनका डेटा ही जारी नहीं किया जाता।


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