Saturday 24 July 2021

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काबुल अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा को लेकर काबुल स्थित भारतीय दूतावास ने सुरक्षा सलाह जारी की है। इस सलाह में बताया गया है कि अफगानिस्तान में रहने, आने और काम करने वाले भारतीयों को हर समय अत्यधिक सतर्कता बरतने की जरूरत है। दूतावास ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान के कई प्रांतों में सुरक्षा की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। ऐसे में अगर बहुत जरूरी न हो तो भारतीय नागरिक इस देश की यात्रा भी न करें। गाड़ियों की आवाजाही में सतर्कता बरतने के निर्देश भारतीय दूतावास ने दो पन्नों के यात्रा सलाह में बताया कि अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूहों ने आम नागरिकों को निशाना बनाने सहित हिंसक गतिविधियों को तेज कर दिया है। भारतीय नागरिक भी इससे बचे हुए नहीं हैं, उन्हें भी अपहरण जैसी गंभीर धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के किनारे आईईडी लगाकर और मैग्नेटिक आईईडी के जरिए नागरिकों की गाड़ियों को निशाना बनाया जा रहा है। इसलिए, किसी भी वाहन की आवाजाही के दौरान अत्याधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर जाने से मना किया गया अफगानिस्तान में आने वाले, रहने और काम करने वाले सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे ऑफिस, निवास स्थान और ऑफिस जाने के दौरान सुरक्षा के संबंध में अत्याधिक सतर्कता और सावधानी बरतें। भारतीय दूतावास ने अपने नागरिकों को सभी प्रकार की गैर जरूरी यात्रा से बचने की सलाह भी दी है। विशेष रूप से भीड़भाड़ वाली जगह, किसी काफिले या सरकारी वाहनों से लोगों को दूर रहने की सलाह दी गई है। मुख्य शहरों से बाहर जाने को लेकर भी किया गया मना भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान में रहने वाले भारतीयों को प्रमुख शहरों से बाहर न निकलने की हिदायत भी दी है। लोगों को शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, मंडियों, रेस्टोरेंट और दूसरे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से मना किया गया है। प्रमुख शहरों से बाहर जाने पर भारतीयों के अपहरण का भी खतरा है। दूतावास ने अफगानिस्तान पहुंचने वाले सभी भारतीयों को वाणिज्य दूतावास की वेबसाइट पर या ईमेल के जरिए पंजीकरण करवाने का अनुरोध भी किया गया है। अफगानिस्तान के अधिकतर बॉर्डर पर तालिबान काबिज इन दिनों तालिबान ने अफगानिस्तान के सीमाई इलाकों में अपने हमले तेज कर दिए हैं। तालिबान का दावा है कि उसने देश के 90 फीसदी इलाकों पर कब्‍जा कर लिया है लेकिन अमेरिका का मानना है कि देश के आधे हिस्‍से पर अब तालिबान राज है। तालिबान ने ताजिकिस्‍तान से लगती मुख्‍य सीमा चौकी शिर खान बंदर पर कब्‍जा कर लिया है। जिन बॉर्डर पोस्ट पर तालिबान का नियंत्रण है, वहां व्यापार रुक गया है। ऐसे में अफगान सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा आपूर्ति के बाधित होने से राजधानी काबुल में खाने-पीने जैसी चीजों की भी कमी होने लगी है। जंग में झुलसा हुआ है पूरा अफगानिस्तान तालिबान ने पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को जोड़ने वाले हेरात, फरहा, कंधार, कुंदुज, तखर और बदख्शां प्रांतों में कई बड़े हाईवे और बॉर्डर पोस्ट पर कब्जा कर लिया है। इन रास्तों से 2.9 बिलियन डॉलर का आयात-निर्यात किया जाता है। अफगानिस्तान की अशरफ गनी सरकार अभी नंगरहार, पक्त्या, पक्तिका, खोस्त और निमरोज प्रांतों में ईरान और पाकिस्तान से लगती बॉर्डर पोस्ट पर कब्जा जमाए हुए है। इन रास्तों से होने वाले व्यापार की कुल कीमत 2 बिलियन डॉलर के आसपास है। आतंकियों के इस सोचे-समझे प्लान से अमेरिका तक हैरान है। अमेरिकी सेना के कई विशेषज्ञों ने भी तालिबान की बढ़ती ताकत को लेकर चेतावनी दी है।


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