वॉशिंगटन अमेरिका ने प्रशांत महासागर में बढ़ते तनाव को देखते हुए गुआम नेवल बेस पर एफ-22 लड़ाकू विमानों की फौज को तैनात कर दिया है। 25 से अधिक एफ-22 लड़ाकू विमानों की अचानक तैनाती से चीन और रूस की भी चिंताएं बढ़ गई हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह तैनाती चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए की गई है। पिछले साल के अंत में चीनी सेना ने गुआम पर हमले का एक प्रॉपगैंडा वीडियो जारी किया था। जिसमें चीन के एच-6 रणनीतिक बमवर्षक विमान गुआम पर परमाणु बम गिराते दिखाई दिए थे। गुआम में पहले कभी नहीं हुई थी इतनी तैनाती सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, हवाई में स्थित अमेरिकी वायु सेना की पैसिफिक एयर फोर्स ने बताया है कि हवाई एयर नेशनल गार्ड के लगभग 25 एफ-22 रैप्टर लड़ाकू विमानों को अलास्का के ज्वाइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन से गुआम भेजा गया है। ये लड़ाकू विमान इस महीने गुआम और टिनियन द्वीपों पर आयोजित ऑपरेशन पैसिफिक आयरन 2021 में हिस्सा लेंगे पैसिफिक एयर फोर्स के कमांडर जनरल केन विल्सबैक ने बताया कि हमने कभी भी प्रशांत वायु सेना के संचालन के क्षेत्र में इतने सारे रैप्टर को एक साथ तैनात नहीं किया है। दुनिया के सबसे खतरनाक विमानों में शामिल है F-22 एफ-22 रैप्टर पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। से दुनिया के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में भी गिना जाता है। एफ-22 रैप्टर को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। एफ-22 को आज से 16 साल पहले 15 दिसंबर 2005 को अमेरिकी वायुसेना में शामिल किया गया था। अमेरिका ने अबतक एफ-22 के 195 यूनिट्स को बनाया है, जिनमें से 8 विमान टेस्टिंग के लिए रखे गए हैं। बाकी के 187 एफ-22 रैप्टर अमेरिका वायु सेना में ऑपरेशनल हैं। यह विमान इतनी खतरनाक तकनीकी से लैस है कि इसे अमेरिका ने किसी भी दूसरे देश को नहीं बेचा है। चीन के लिए सख्त संदेश भेज रहा अमेरिका यूएस पैसिफिक कमांड के ज्वाइंट इंटेलिजेंस सेंटर में ऑपरेशन डायरेक्टर रहे और वर्तमान में रक्षा विश्लेषक कार्ल शूस्टर ने सीएनएन से बातचीत में कहा कि अभ्यास के लिए बड़ी संख्या में एफ -22 को तैनात करना चीन को एक तत्काल संदेश भेजता है। अभी अमेरिका और चीन के बीच ताइवान और दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर तनाव चरम पर है। उन्होंने बताया कि सामान्य एफ-22 तैनाती में छह से 12 विमान शामिल होते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी वायु सेना यह प्रदर्शित कर रही है कि वह चीन की तुलना में कम समय में पांचवीं पीढ़ी के विमानों को अपने थिएटर कमांड में तैनात कर सकती है। चीन पर भारी पड़ेंगे अमेरिकी F-22 शूस्टर ने बताया कि चीनी वायु सेना के पास लगभग 20 से 24 ऑपरेशनल पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। हालांकि, वह अपनी क्षमताओं में तेजी से सुधार कर रहा है। चीन के पास पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमान का नाम जे-20 है। कई रक्षा विशेषज्ञों को इस विमान की खासियतों पर अब भी संदेह है। चीन का दावा है कि उसके जे-20 लड़ाकू विमान स्टील्थ तकनीक से लैस हैं, जबकि उसकी बनावट किसी 4.5 जेनरेशन के लड़ाकू विमानों जैसी ही है। F-22 का अपग्रेडेड वर्जन बना रहा अमेरिका अमेरिका इन दिनों छठवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को बनाने की तैयारी में जुटा है। अमेरिकी वायु सेना ने नेक्स्ट जेनरेशन एयर डोमिनेंस (NGAD) सिस्टम के सेंटर पीस को लेकर बड़ा खुलासा किया है। यह लड़ाकू विमान एक बार में उड़ान भरने के बाद दुनिया के किसी भी हिस्से में मार करने में सक्षम होगा। इतना ही नहीं, इसकी मार से जमीन तो क्या हवा में भी दुश्मन बच नहीं सकेंगे। यह विमान अमेरिकी वायु सेना के की जगह लेगा।
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