काबुल अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद आतंक मचाए तालिबान लड़ाकों को अफगान सेना के कमांडो यूनिट ने कड़ी शिकस्त दी है। अफगानिस्तान के उत्तरी जिलों से अफगान सेना की इस स्पेशल टुकड़ी ने तालिबान को पीछे ढकेल दिया है। इतना ही नहीं, अफगान सेना ने उज्बेकिस्तान-ताजिकिस्तान सीमा कब्जा कर बैठे आतंकियों को भी मार भगाया है। इस जीत से उत्साहित अफगान सेना अब तालिबान के नए ठिकानों पर तेजी से हमला करने की योजना पर काम कर रही है। एक महीने पहले तालिबान ने किया था कब्जा रिपोर्ट्स के अनुसार, स्थानीय निवासियों से मिल रहे समर्थन के बाद अफगान सेना ने तालिबान को कलदार जिले से बाहर निकाल दिया है। कलदार अफगानिस्तान के उत्तरी सीमा क्षेत्र बल्ख प्रांत का एक महत्वपूर्ण रणनीतिक एरिया है। इसकी सीमाएं उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान से सटी हुई हैं। अमू नदी के किनारे बसा यह जिला एक महीने पहले तालिबान के कब्जे में आ गया था। उज्बेकिस्तान बॉर्डर तालिबान से मुक्त हुआ इस जिले पर कब्जे के बाद तालिबान लड़ाकों ने हेरातन शहर को अपने नियंत्रण में ले लिया था। इसी शहर से होकर अफगानिस्तान और उजबेकिस्तान के बीच व्यापार होता है। ऐसे में तालिबान के कब्जे के बाद न केवल व्यापार ठप पड़ गया था, बल्कि सीमा पर स्थित देशों को भी खतरा बढ़ गया था। कलदार को मुक्त कराने का अभियान सोमवार की सुबह हुआ, जिसमें सुरक्षा बलों ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर तालिबान इस्लामी समूह को क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिया। अफगान सेना ने मार गिराए 20 तालिबानी आतंकी बताया गया है कि अफगान सेना के इस ऑपरेशन में तालिबान के 20 लड़ाके मारे गए हैं, जबकि कई घायल हुए हैं। इस जिले पर अफगान सेना का नियंत्रण उत्तरी क्षेत्र में ही स्थित फरयाब और तखर प्रांतों में प्रांतीय केंद्रों के पास चल रही झड़पों के बीच हुआ है। अफगानिस्तान के दक्षिण में स्थित गजनी और कंधार में भी अफगान सेना और तालिबान के बीच जंग जारी है। मोर्टार और रॉकेट से हमला कर रहे तालिबान आतंकी फरयाब के मैमाना शहर सहित कई क्षेत्रों में पिछले हफ्ते से भीषण लड़ाई जारी है। तालिबान के लड़ाके सरकारी ठिकानों पर हमला करने के लिए मोर्टार और रॉकेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। मैमाना पर हुए हमलों में तीन नागरिकों सहित 16 लोगों के मारे जाने की खबर है। अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के प्रवक्ता अजमल उमर शिनवारी ने बताया कि 25 प्रांतों में हमारी झड़पें तालिबान के साथ हुईं जिनमें अफगान बलों महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। जनरल ने कहा कि इस सप्ताह अफगान सरकार के हमलों में करीब 1,500 तालिबान लड़ाके मारे गए और 800 से अधिक घायल हुए। तालिबान ने इन अनुमानों को खारिज कर दिया है। अफगान सेना की कमांडो यूनिट तालिबान पर पड़ रही भारी बल्ख के गवर्नर आदिल शाह आदिल ने तालिबान पर बढ़त हासिल करने पर अफगान सुरक्षा बलों की प्रशंसा की और कहा कि सरकार नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रयास करेगी। देश के अधिकांश हिस्सों में तालिबान के हमलों का सामना करने के लिए, अफगान सेना ने महत्वपूर्ण रणनीतिक क्षेत्रों पर दोबारा कब्जे के लिए अत्याधिक सक्रिय स्पेशल फोर्सेज की यूनिट को तैनात किया है। नियमित सेना संरचनाओं की तुलना में, ये इकाइयाँ बेहतर सशस्त्र और सुसज्जित हैं और तालिबान के हमलों की स्थिति में इनकी जीत की संभावना ज्यादा रहती है। अफगान सेना में 21 हजार कमांडो शामिल 21,000 कमांडो अफगान नेशनल आर्मी स्पेशल ऑपरेशंस कमांड के तहत काम कर रहे हैं। जबकि, सशस्त्र बलों की कुल संख्या लगभग 186,000 सैनिकों की है। एएनए स्पेशल ऑपरेशंस कमांड ने ट्वीट कर बताया कि बल्ख प्रांत के कालदार जिले को तालिबान आतंकवादियों से मुक्त किया गया है। इससे पहले मंगलवार को तालिबान ने हेलमंद प्रांत के नादे-ए-अली जिले में अफगान सैन्य हेलीकॉप्टर को मार गिराने और जिले के केंद्र पर कब्जा करने की कोशिश की थी।
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