
पेइचिंग चीन में सीमा शुल्क अधिकारियों ने अक्साई चिन और अरूणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा दिखाने वाली विश्व नक्शे की एक बड़ी खेप जब्त की है। इन नक्शों को चीन से बाहर निर्यात किया जाना था। चीन, अरूणाचल प्रदेश के दक्षिण तिब्बत का हिस्सा होने का दावा करता है, जिसे भारत सिरे से खारिज करता आ रहा है। भारत का कहना है कि अरूणाचल प्रदेश इसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। शंघाई में चीनी कस्टम ने जब्त किए नक्शे चीनी समाचार पत्र द पेपर डॉट सीएन की खबर में कहा गया है कि ये नक्शे करीब 300 निर्यात खेप में बेडक्लोथ के नाम से लपेट कर रखे गये थे। इन्हें शंघाई पुदोंग हवाईअड्डा पर सीमा शुल्क विभाग ने जब्त कर लिया। यह कोई पहली घटना नहीं है जब चीन ने ऐसे नक्शों को जब्त किया है। इससे पहले 2019 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश और ताइवान को अलग दिखाए जाने पर 30 हजार नक्शों को नष्ट कर दिया था। चीन ने 2019 में कानून बनाकर लगाया है प्रतिबंध गौरतलब है कि चीन ने 2019 में एक नया कानून पारित कर देश में छापे और बेचे जाने तथा निर्यात किये जाने वाले सभी नक्शों को चीनी नक्शे के आधिकारिक प्रारूप के अनुसार रखे जाने को अनिवार्य बना दिया था। आधिकारिक प्रारूप में अरूणाचल प्रदेश, ताईवान और दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावे को प्रदर्शित किया गया है। चीन और भारत में क्या है विवाद चीन और भारत के बीच मैकमोहन रेखा मौजूद है। इसे ही आधिकारिक तौर पर अंतरराष्ट्रीय रेखा माना जाता है। लेकिन, चीन इसे मानने से इनकार करता रहा है। चीन का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है। चीन ने 1950 के दशक में तिब्बत पर जबरन कब्जा करने के बाद 1962 के युद्ध में भी उसने भारत की सैकड़ों किलोमीटर की जमीन कब्जा कर रखी है।
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