
काबुल अफगानिस्तान में स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में कम से कम एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने कहा कि सरकार विरोधी तत्वों ने शुक्रवार को पश्चिमी प्रांत हेरात की राजधानी में संयुक्त राष्ट्र के मुख्य परिसर पर हमला किया। मिशन ने इस घटना में तालिबान लड़ाकों के शामिल होने की पुष्टि नहीं की है। यूएन ने बताया कि इस हमले में विरोधी तत्वों ने रॉकेट से लैस ग्रेनेड दागे और गोलियां चलाईं। हेरात में भारत का भी काउंसलेट है। हेरात में तालिबान के घुसने के बाद हुआ हमला यह हमला हेरात प्रांत में तालिबान लड़ाकों के घुसने के कुछ घंटे बाद हुआ है। बताया जा रहा है कि यूएन मुख्यालय के पास आतंकियों और अफगान सेना के बीच भी भारी झड़पें भी हुईं। हमले के बाद एक बयान में, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह इस घटना के बारे में पूरी तस्वीर साफ करने के लिए संबंधित पक्षों के संपर्क में है। अभी तक तालिबान ने इस हमले में अपना हाथ स्वीकार नहीं किया है। सभी दूतावासों को हाई अलर्ट पर रखा गया हमले के बाद यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसमें किसका हाथ है। किन पश्चिमी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद शहर के सभी राजनयिक परिसरों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। UNAMA ने कहा कि हमला परिसर के प्रवेश द्वारों पर किया गया। ऐसे में स्पष्ट रूप से माना जा रहा है कि हमलावर कैंपस के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। यूएन ने की हमले की निंदा अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष प्रतिनिधि डेबोरा लियोन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के खिलाफ यह हमला निंदनीय है और हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं। UNAMA ने कहा कि घटना में संयुक्त राष्ट्र का कोई भी कर्मी घायल नहीं हुआ है। अभी तक हमलावर यूएन के कैंपस के अंदर नहीं घुस सके हैं। तालिबान बोला- यह क्रास फायरिंग, नहीं किया हमला तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने ट्विटर पर कहा कि यह संभव है कि यूएन के मुख्यालय के पास हो रही लड़ाई के कारण क्रास फायरिंग हुई हो। झड़प वाले स्थल से नजदीक होने के कारण गार्ड को गोली लगने की घटना हो सकती है। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही तालिबान लड़ाके मौके पर पहुंच गए और परिसर अब किसी भी खतरे में नहीं है। ईरान ने भी बढ़ाई चौकसी तालिबान ने शुक्रवार को राजधानी में प्रवेश करने से पहले ही ईरान की सीमा से लगे हेरात प्रांत पर कब्जा कर लिया है। एक उच्च पदस्थ विदेशी सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि हेरात पर तालिबान के कब्जे के बाद ईरानी सीमा रक्षक बल हाई अलर्ट पर हैं। उन्हें डर है कि तालिबान के आतंक से उनके देश में बड़े पैमाने पर शरणार्थियों की बाढ़ आ सकती है। अधिकारी ने कहा कि शहर के सभी दूतावास कार्यालयों में विदेशी कर्मचारियों को सख्त लॉकडाउन का पालन करने की सलाह दी गई है।
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