काबुल अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने भारत को अपने देश के विकास में सच्चा भागीदार बताया है। एक दिन पहले ही उन्होंने पाकिस्तान तालिबान संबंधों को लेकर इमरान खान को खूब सुनाया था। अफगानी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने संबंधों को लेकर भी बात की। उन्होंने अफगानिस्तान में जारी तनाव का उल्लेख करते हुए बताया कि अफगान फोर्सेज ने तालिबान को आगे बढ़ने से रोक दिया है। वहीं, भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत को लेकर भी दुख जाहिर किया। अफगान सेना ने रोके तालिबान के बढ़ते कदम द हिंदू को दिए गए इंटरव्यू में अशरफ गनी ने कहा कि अफगानिस्तान के सुरक्षाबलों ने तालिबान आतंकवादियों को कस्बों और सीमा चौकियों पर आगे बढ़ने से रोक दिया है। उन्होंने यह भी माना कि तालिबान ने हाल के दिनों में अफगानिस्तान के कई अहम ठिकानों पर कब्जा कर लिया है। गनी ने कहा कि वह पाकिस्तान और तालिबान दोनों के साथ बातचीत के दरवाजे खुले रखेंगे। तालिबान से राजनीतिक समझौता चाहते हैं अशरफ गनी भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की मौत पर दुख जाहिर करते हुए अफगानी राष्ट्रपति ने कहा कि सैन्य रूप से युद्ध जीतने के लिए स्थिति को फिर से बैलेंस करने की आवश्यकता हो सकती है। हमारी सरकार का बड़ा लक्ष्य अफगानिस्तान में एक राजनीतिक समझौता करना है, जिससे लंबे समय तक देश में शांति बनी रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि वह अल्जीरिया, इराक, सीरिया, लेबनान और यमन जैसे देशों के भाग्य से बचना चाहते हैं, जहां आज भी संघर्ष जारी है। पश्चिमी देशों के मुंह मोड़ने पर दिया यह जवाब भारतीय पत्रकार सुहासिनी हैदर ने सवाल किया कि क्या पश्चिमी देशों ने आपको त्याग दिया है? उन्होंने अमेरिकी सेना के अचानक अफगानिस्तान छोड़ने और ब्रिटिश रक्षा सचिव का बयान का भी जिक्र किया। जिसमें ब्रिटिश रक्षा सचिव ने कहा था कि ब्रिटेन अफगानिस्तान में सत्ता में आने पर तालिबान से बातचीत करने को तैयार है। इस पर अशरफ गनी ने कहा कि नहीं, नहीं, मैं नहीं मानता। उनके साथ हमारे संबंध हैं। भारत से सैन्य सहायता मांगने पर क्या कहा?अफगानी राष्ट्रपति ने तालिबान के बढ़ते हमलों के खिलाफ भारत से सैन्य सहायता के लिए कहने से जोरदार इनकार किया। उन्होंने कहा कि भारत अफगानिस्तान के विकास में 'सच्चा भागीदार' है। तालिबान को हराना हमारा काम है। अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन या सेना के इस्तेमाल का समय खत्म हो चुका है। 'अफगानिस्तान को भारत से क्या अपेक्षा?' उनसे सवाल किया गया कि इस समय भारत से आपकी क्या अपेक्षा है... क्या अफगानिस्तान ने किसी प्रकार का सैन्य समर्थन मांगा है? जिस पर अशरफ गनी ने कहा कि अभी नहीं। भारत एक उल्लेखनीय भागीदार रहा है। मेरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सबसे अच्छे संबंध हैं। वो बुद्धिमान हैं। उन्होंने हमसे ऐसा कुछ नहीं मांगा है जिसके परिणामस्वरूप हमारे लघु, मध्यम या दीर्घकालिक हितों का त्याग हो। भारत एक सच्चा साथी है। भारत की दिल खोलकर तारीफ की अशरफ गनी ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि यह वह देश है जिसके साथ हमारा व्यापार संतुलन सकारात्मक है। भारत जिसके लिए खड़ा है वह सलमा बांध है, संसद भवन है। अब शाहतूत बांध और ट्रांसमिशन लाइन को बनाने का काम भी जारी है। भारत फलफूल रहा है। हम उस विशाल बदलाव में भागीदार बनना चाहते हैं जो भारत चौथी औद्योगिक क्रांति के नेतृत्व के मामले में देख रहा है।
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