Friday 23 July 2021

https://ift.tt/36CAGd7

इस्लामाबाद से प्रधानमंत्री की जासूसी के मामले में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया है। पाकिस्तान का आरोप है कि भारत इजरायल के इस हैकिंग साफ्टवेयर के जरिए इमरान समेत कई नेताओं की जासूसी कर रहा था। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने संयुक्त राष्ट्र से संबंधित निकायों से इस मामले की तहकीकात करने का अनुरोध किया है। भारत पर लगाया इमरान की जासूसी का आरोप पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने बताया कि हमने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों पर ध्यान दिया है जिसमें खुलासा किया गया है कि भारत सरकार अपने नागरिकों, विदेशियों और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ इजरायली मूल के स्पाइवेयर का उपयोग करके संगठित जासूसी अभियान चला रही है। पाकिस्तान बहुत ही कड़े शब्दों में भारत के जरिए राज्य प्रायोजित निरंतर और व्यापक निगरानी और जासूसी अभियानों की निंदा करता है। आरएसएस-बीजेपी पर फिर उगला जहर पाकिस्तान ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत सरकार विरोधियों की आवाज पर निगरानी रख रही है। इतना ही कश्मीर को लेकर जहर उगलते हुए पाकिस्तान ने मानवाधिकार हनन का एक बार फिर पुराना राग अलापा। विदेश कार्यालय ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार करने के लिए आरएसएस-बीजेपी शासन लगातार प्रयास कर रही है। यूएन से जांच करवाना चाहता है पाकिस्तान पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने कहा कि रिपोर्टों की गंभीरता को देखते हुए, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के संबंधित निकायों से मामले की पूरी तरह से जांच करने, तथ्यों को सामने लाने और भारत को जिम्मेदार ठहराने का आह्वान करता है। उसने यह भी कहा कि हम इस पूरे मामले पर बारीकी से निगाह रख रहे हैं। चीन ने भी की जासूसी की निंदा चीन ने भी पेगासस जासूसी कवायद की निंदा की है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने इस खुलासे पर कहा कि अगर यह सच है, तो चीन इसकी कड़ी निंदा करता है।" उन्होंने कहा, "साइबर निगरानी सभी देशों के लिए व्यापक साइबर सुरक्षा खतरे के हिस्से के रूप में आम चुनौती है। उन्होंने कहा कि सभी देशों को परस्पर सम्मान, समानता और पारस्परिक लाभ के आधार पर काम करना चाहिए तथा खतरों का जवाब देने के लिए बातचीत और सहयोग में शामिल होना चाहिए। कैसे खुला पेगासस स्पाइवेयर का मामला? एक प्रमुख मीडिया जांच में दुनियाभर की सरकारों द्वारा एक दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के सबूत मिले हैं। इसमें प्रमुख व्यक्तियों पर जासूसी करने के आरोप भी शामिल हैं। करीब 50,000 फोन नंबरों की जांच में पाया गया कि 50 देशों के 1,000 से अधिक लोगों की कथित रूप से पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये निगरानी की जा रही थी। सॉफ्टवेयर इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप ने तैयार किया था और विभिन्न सरकारों को बेचा। जिन लोगों की निगरानी की जा रही थी, उनमें जानेमाने पत्रकार, राजनेता, सरकारी अधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हैं।


from World News in Hindi, दुनिया न्यूज़, International News Headlines in Hindi, दुनिया समाचार, दुनिया खबरें, विश्व समाचार | Navbharat Times https://ift.tt/3By7hyc
via IFTTT

No comments:

Post a Comment

https://ift.tt/36CAGd7

रियाद सऊदी अरब के नेतृत्‍व में गठबंधन सेना ने यमन की राजधानी सना में हूती विद्रोहियों के एक शिविर को हवाई हमला करके तबाह कर दिया है। सऊदी...