काबुल अफगानिस्तान में अब तक तनाव तालिबान और सैनिकों के बीच था फिर चाहें वे विदेशी सैनिक हों या अफगान। हालांकि एक करार के बाद अमेरिकी सैनिकों की शांतिपूर्ण वापसी जारी थी और तालिबान का भी पूरा ध्यान अपनी सरकार के गठन और आवाम के लिए नए नियम-कानून पर था। जनता लौटते तालिबानी शासन के खौफ के चलते देश से भागने की कोशिश कर रही थी। इन सब के बीच एंट्री होती है एक तीसरे पक्ष की जो जोरदार और बेहद घातक आत्मघाती हमले में आम लोगों, अमेरिकी सैनिकों और तालिबानी लड़ाकों सभी को निशाना बनाता है। पाकिस्तानी नागरिक था पहला प्रमुखइस तीसरे पक्ष का नाम आईएसआईएस-खुरासान है, जो आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की अफगान शाखा है और इसके मुखिया शाहाब अल-मुहाजिर को ही काबुल एयरपोर्ट पर हमले के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। अफगानिस्तान में जब इस समूह की शुरुआत हुई तो पाकिस्तानी नागरिक सईद खान इसका प्रमुख था। संगठन के भीतर हाफिज सईद खान का डिप्टी एक पूर्व तालिब था जिसे अब्दुल रऊफ अलीजा कहा जाता था। अफगानिस्तान में हमलों के जवाब में अमेरिका ने 2015 में अलीजा और 2016 में हाफिज सईद खान को मारने के लिए हवाई हमले किए। शाहाब अल-मुहाजिर के हाथों में कमानफिलहाल आईएस-के का मुखिया शाहाब अल-मुहाजिर है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में, 'मुहाजिर' शब्द का इस्तेमाल आमतौर पर 1947 में देश के विभाजन के बाद पाकिस्तान में प्रवास करने वालों के लिए किया जाता है। हालांकि शाहाब अल-मुहाजिर का भारत से कोई संबंध नहीं है। शाहाब एक अरब है और वह आईएस-के का पहला नेता है जो साउथ एशिया से बाहर का है। इससे पहले वह अल-कायदा के लिए काम करता था और हक्कानी नेटवर्क में एक मध्य-स्तरीय कमांडर था। 2020 में बनाया गया 'गवर्नर'2020 में इस्लामिक स्टेट के वरिष्ठ नेतृत्व ने जून 2020 में अल-मुहाजिर को क्षेत्र के लिए अपना वली या गवर्नर नियुक्त किया था। अल-मुहाजिर को समूह का एक 'प्रभावी नेता' माना जाता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए काम कर रहे विशेषज्ञों की एक टीम ने पिछले जून में एक रिपोर्ट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि अल-मुहाजिर ने काबुल और अन्य शहरी क्षेत्रों में हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट के 'Cheaf Planner' के रूप में काम किया। लड़ाकों की बड़ी फौजआईएस-के के नेता शाहाब अल-मुहाजिर उर्फ सनाउल्लाह अल-सादिक के पास लड़ाकों की एक बड़ी फौज है। यह तालिबान और अन्य आतंकियों को लुभाता है। शाहाब अल-मुहाजिर को क्षेत्र में समूह का कमान पिछले साल ही सौंपी गई है, जिसके बाद से अफगानिस्तान में हालात बिगड़ने की आशंका भी जताई गई थी। इस्लामिक स्टेट खुरासान ने गुरुवार को काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले को अंजाम दिया जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक और 170 से अधिक आम लोग मारे गए। तालिबान का दावा है कि इसमें उसके भी 28 लड़ाके मारे गए। शनिवार को अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने नांगहार प्रांत में हवाई हमलों की पुष्टि कर दी। दावा किया गया कि ड्रोन हमले में मुख्य साजिशकर्ता को मार गिराया गया है। हालांकि अभी नाम मारे गए व्यक्ति का नाम स्पष्ट नहीं हुआ है। यह भी साफ नहीं हुआ है कि शाहाब अल-मुहाजिर जिंदा है या नहीं।
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