
फ्लोरिडा आमतौर पर वैज्ञानिक जीवन की खोज ऐसे ग्रहों पर करते हैं जो किसी सितारे का चक्कर काट रहे होते हैं। एक नई स्टडी में दावा किया गया है शायद इसी वजह से आज तक कहीं जीवन की खोज की नहीं जा सकी है। इस स्टडी के मुताबिक ऐसे ग्रह जो किसी सितारे का चक्कर नहीं काट रहे हैं, उन पर महासागर छिपे हो सकते हैं। धरती पर जीवन की शुरुआत भी महासागरों से हुई थी तो हो सकता है कि इन ग्रहों पर भी ऐसा मुमकिन हो। कैसे है संभावना? फ्लोरिडा इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के ऐस्ट्रोबायलजिस्ट मानस्वी लिंगम ने अपनी इस रिसर्च में संभावना जताई है कि इन ग्रहों पर अंतरिक्ष की ठंडक और ग्रह के अंदरूनी हिस्से के बीच ऐसे हालात हो सकते हैं जहां जीवन की संभावना हो। उनके मुताबिक ठंडक की वजह से महासागर का पानी जमा रहेगा लेकिन बर्फ की परत ग्रह के बायोस्फीयर को ठंड से बचा लेगी। ग्रह का अंदरूनी हिस्सा जरूरी गर्मी देता रहेगा और तब धरती जैसे महासागरों के बनने की संभावना होगी। स्टडी का ज्यादा मौका मानस्वी का मानना है कि हर सौर मंडल में 30-40 ऐसे ग्रह होंगे जो अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं। अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के मुताबिक आज तक वैज्ञानिकों को 3000 से ज्यादा स्टार सिस्टम मिले हैं जहां सितारे उनका चक्कर काटते हैं। हमारी आकाशगंगा में भी धरती के आकार के ऐसे एक ग्रह की खोज की गई है। साल 2019 में एक स्टडी में बताया गया था कि अकेले Milky Way में ऐसे करीब 50 अरब ग्रह हो सकते हैं। इससे धरती जैसे महासागरों के बारे में पढ़ने का वैज्ञानिकों के पास काफी मौका है। यहां जाना आसान रिसर्चर्स धरती पर जटिल हालात में पनपने वाले जीवन को स्टडी करेंगे और ऐसे सूक्ष्मजीवी (microbes) खोजेंगे जिन्हें सूरज की रोशनी की जरूरत नहीं है। लिंगम का कहना है कि हो सकता है ऐसे ग्रहों पर कुछ दशकों में कभी जाया भी जा सके। वहां से डेटा लेकर धरती पर भेजा गया तो कुछ महीनों पर वहां मौजूद जीवन की संभावना के बारे में पता चल सकेगा। किसी सितारे का चक्कर काट रहे ग्रह की जगह तक ऐसे ग्रहों तक पहुंचना शायद आसान हो सकता है।
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