Sunday 31 October 2021

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पेरिस कुछ साल पहले दुनिया के अब तक के सबसे बड़े ट्राइसेराटॉप्स जीवाश्म की खोज की गई थी। 66 मिलियन साल पुराने इस विशालकाय कंकाल को 'बिग जॉन' नाम दिया गया। एक नीलामी में यह जीवाश्म 6.6 मिलियन यूरो यानी लगभग 52 करोड़ रुपए में बिका है। गुरुवार दोपहर पेरिस के ड्रौट नीलामी घर में बिग जॉन के जीवाश्मों, उल्कापिंडों और अन्य प्राकृतिक इतिहास कलाकृतियों के खजाने को नीलामी के लिए रखा गया था। इस कंकाल की खोज सबसे पहले साउथ डकोटा में भूविज्ञानी वाल्टर डब्ल्यू. स्टीन बिल ने 2014 में की थी। ऐसा माना जाता है कि डायनासोर एक विशाल, प्राचीन महाद्वीप लारमिडिया में रहता था, जो आज अलास्का और मैक्सिको के बीच फैला है। खुदाई के बाद डायनासोर अवशेषों को इटली में रखा और एक साथ जोड़कर देखा गया। इससे पुरातत्वविदों को इसका असली आकार देखने में आसानी हुई। 60 फीसदी से ज्यादा कंकाल पूराबिग जॉन की खोपड़ी 9 फुट लंबी और साढ़े छह फुट चौड़ी है। डायनासोर का कंकाल लगभग 60 फीसदी से ज्यादा पूरा है। ब्रिटेन के नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम के अनुसार, ट्राइसेराटॉप्स की खोपड़ी एक 'विकासवादी विजय' है और सभी स्थलीय जानवरों से 'सबसे अलग' है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब किसी डायनासोर का कंकाल इतना महंगा बिका हो। इससे पहले सितंबर 2020 में 'स्टेन' नाम के एक टायरानोसोरस रेक्स के कंकाल को 31.8 मिलियन डॉलर में बेचा गया था। नीलामी से विज्ञान खो देता है नमूनेइस तरह की नीलामी पर विशेषज्ञों ने चिंता भी जताई है। एक नीलामी घर ने कहा था कि जीवाश्म के नमूनों को निजी हाथों में बेचने से वे संभावित रूप से विज्ञान के लिए 'खो' जाते हैं। निजी स्वामित्व वाले नमूनों में निहित जानकारी तक भविष्य में पहुंच की गारंटी नहीं दी जा सकती है जिससे वैज्ञानिकों दावों की पुष्टि करना बेहद मुश्किल हो जाता है।


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