
रोम ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को रोम में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में 20 सदस्य देशों से तालिबान शासित अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इसके लिए 50 मिलियन पाउंड भी देगा। जी20 सम्मेलन का आयोजन रोम में किया जा रहा है जिसमें पीएम मोदी समेत दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यस्थाओं के शीर्ष नेता जलवायु, वैश्विक अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं। बोरिस जॉनसन ने ट्वीट में लिखा, 'हमारी जिम्मेदारी है कि हम तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में सबसे अधिक जोखिम वाले लोगों विशेषकर महिलाओं और लड़कियों की मदद करें।' उन्होंने कहा कि ब्रिटेन इस काम के लिए 50 मिलियन पाउंड देगा और मैं जी20 से अपील करता हूं कि हमारे सभी अंतरराष्ट्रीय विकास प्रयासों में महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को प्राथमिकता दी जाए। तालिबान को 'ब्लैंक चेक' नहीं दे सकतेकुछ दिनों पहले जॉनसन ने कहा था कि ब्रिटेन अफगान लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि देश तालिबान को 'ब्लैंक चेक' नहीं दे सकता। जी20 सम्मेलन के एजेंडे में जलवायु परिवर्तन, कोविड-19 महामारी, आर्थिक सुधार और वैश्विक न्यूनतम कॉर्पोरेट कर दर पर चर्चा शामिल है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख ने दुनिया की 20 बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देशों के नेताओं के बीच कड़ा संदेश दिया। तबाही की कगार पर खड़ी अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्थाउन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की चिंता की जानी चाहिए क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है और आधी आबादी के पास खाने के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य पदार्थ नहीं होने का खतरा है तथा हिमपात भी शुरू हो गया है। अफगानिस्तान पर अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका ने युद्धग्रस्त देश की संपत्ति को फ्रीज कर दिया था, जिससे यहां बुनियादी वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई और क्रय शक्ति में गिरावट आई।
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