Sunday 31 October 2021

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काबुल ट्विटर पर वापसी कर चुके पूर्व अफगान उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह लगातार पाकिस्तान और तालिबान की दोस्ती पर हमला बोल रहे हैं। वह उन अफगान नेताओं में से हैं जो तालिबान के आगे झुकने से इनकार कर चुके हैं। शनिवार को उन्होंने बताया कि तालिबान ने एक शादी में संगीत बंद करने के लिए 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। एक बार फिर सालेह ने तालिबान-पाकिस्तान की दोस्ती पर निशाना साधा है। सालेह ने लिखा, 'तालिबान का दुनिया के लिए संदेश स्पष्ट है कि अगर आप हमें मान्यता नहीं देंगे तो हम और क्रूर हो जाएंगे और अधिकारों और मूल्यों के प्रति और ज्यादा बुरे हो जाएंगे। अगर आप हमें मान्यता दे देंगे तो हम कम बुरे बने रहेंगे। यह पाकिस्तान की पश्चिम के लिए नीति जैसा है जिसके अनुसार अगर आप हमें डॉलर्स देंगे तो हम कम बुरे बने रहेंगे। अगर आप नहीं देंगे तो हम सबसे बुरे बन जाएंगे।' तालिबान ने लागू किए कट्टरपंथी नियमअफगानिस्तान में तालिबान शासन ने अपने कट्टरपंथी नियम लागू कर दिए हैं। इनमें संगीत सुनने और मनचाहे कपड़े पहनने पर भी मनाही है। नियम तोड़ने वालों को मौत के घाट उतार दिया जाता है। यही हुआ बीते दिनों अफगानिस्तान की एक शादी में, जहां म्यूजिक बजाने की कीमत 13 लोगों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। तालिबान शासन में खबरों का बाहर आना भी बेहद मुश्किल है। ऐसे में पूर्व अफगान उप राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर इस घटना की जानकारी दी है। म्यूजिक बजाने पर 13 लोगों को माराअमरुल्लाह सालेह ने ट्विटर पर लिखा, 'तालिबान लड़ाकों ने नेंगरहार में एक शादी की पार्टी में म्यूजिक को बंद करने के लिए 13 लोगों की हत्या कर दी। हम सिर्फ निंदा करके अपना क्रोध व्यक्त नहीं कर सकते। 25 साल तक पाकिस्तान ने उन्हें अफगान संस्कृति को खत्म करने और हमारी धरती पर कब्जा करके आईएसआई के कट्टर शासन की स्थापना के लिए ट्रेनिंग दी। जो अब अपना काम कर रहे हैं।'


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