वॉशिंगटन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से धरती पर लौटते समय ली गई एक अनोखी तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर को यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट ने खींची है। देखने में यह तस्वीर किसी साइंस फिक्शन मूवी के किसी सीन की तरह लग रही है, लेकिन यह वास्तविक है। थॉमस पेस्केट ने यह तस्वीर तब खींची, जब सूरज से निकला सौर तूफान पृथ्वी के वायुमंडल से टकरा रहा था। इस कारण पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव के ऊपर यह चमकदार रंगीन रोशनी दिखाई दी। इसे औरोरा या फिर के नाम से जाना जाता है। फ्रांसीसी अंतरिक्ष यात्री ने शेयर की तस्वीर थॉमस पेस्केट ने ट्विटर पर लिखा कि हमने उत्तरी अमेरिका और कनाडा के ऊपर मजबूत अरौरो रोशनी को देखा है। हमारी कक्षा की तुलना में इस रोशनी में अद्भुत चमक दिखी है। हमने इस औरोरा के केंद्र के ऊपर से उड़ान भरी। इस दौरान हमें सोलर फ्लेयर्स की तेज लहरें दिखाई दीं। उनके ट्वीट को अबतक 26,000 से अधिक लाइक और 5,000 के करीब रीट्वीट किया गया है। क्या होता है औरोरा इस रोशनी को Australis या Southern Light कहते हैं। इसका निर्माण पृथ्वी की मैग्नेटिक शील्ड और सौर हवाओं के कारण होता है। अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर इस अद्भुत नजारे की तस्वीरें शेयर की हैं। पहली तस्वीर में बाईं ओर आईएसएस के सोलर पैनल नजर आ रहे हैं, जिसके सामने चुंबकीय रोशनी को देखा जा सकता है। हरे रंग की रोशनी पतली रेखाओं के रूप में दिखाई दे रही है। औरोरा कब दिखता है औरोरा तब प्रकट होता है जब पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र चैनल के इलेक्ट्रिकली चार्ज्ड सोलर पॉर्टिकल्स ध्रुवों की ओर जाते हैं। यहां ये कण पृथ्वी के वायुमंडल के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। इससे चमकीले हरे रंग की रिबन जैसी रोशनी पैदा होती है। जब सोलर फ्लेयर ऐसे कणों को बड़ी संख्या में पृथ्वी के वायुमंडल की ओर भेजते हैं तो यह रोशनी आसमान में दिखाई देती है। कैसे बनती है यह रंगीन रोशनी ऐसा लगता है कि ये रेखाएं पृथ्वी की सतह से निकल रही हैं और अंतरिक्ष में गायब हो जाती हैं। वास्तव में ये रेखाएं सूर्य से आने वाले आवेशित कण हैं जो पृथ्वी के वायुमंडल पर बरसते हैं। पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ आवेशित कणों (Charged Particles) के मिलने से ये रंग पैदा होते हैं। जादू से कम नहीं है ध्रुवीय ज्योति सूरज पर होने वाले विस्फोट से निकले पार्टिकल्स जब धरती की मैग्नेटिक फील्ड और ऊपरी वायुमंडल से टकराते हैं, जो उनसे कई रंगों की रोशनी निकलती हैं। Northern Lights या Aurora borealis और Southern Lights या Aurora australis आसमान में किसी लेजर लाइट शो जैसी लगती हैं। धरती के दक्षिण और उत्तर ध्रुवों से कई बार ऐसा नजारा देखने को मिलता है जो प्रकृति के जादू से कम नहीं लगता।
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