Wednesday 10 November 2021

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इस्लामाबाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बुधवार को पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच के समक्ष पेश हुए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में कोई भी 'पवित्र गाय' नहीं है। मैं कानून के शासन में विश्वास करता हूं। आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) हत्याकांड से संबंधित एक मामले में चीफ जस्टिस की ओर से तलब किए जाने के बाद इमरान खान मंगलवार को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के लड़ाकों ने 16 दिसंबर 2014 को पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला कर दिया था। इस नरसंहार में 140 लोग मारे गए थे जिसमें ज्यादातर स्कूली बच्चे थे। सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में बच्चों के माता-पिता ने तत्कालीन देश के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की थी। साथ ही कोर्ट से घटना की पारदर्शी जांच का भी अनुरोध किया था। अदालत ने अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान को स्थिति की समीक्षा करने और आवश्यक कदम उठाने और अदालत को सूचित करने के लिए कहा था। चाहे वह जांच हो या जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करना। कोर्ट ने इमरान खान को किया तलबपाकिस्तान के 'जियो टीवी' की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को जब सुनवाई फिर से शुरू हुई तो पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने इमरान खान को बेंच के सामने पेश होने के लिए तलब किया। कोर्ट में जस्टिस एजाज उल अहसन ने कहा कि शहीद बच्चों के माता-पिता हमले के समय के शासकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इमरान खान ने कहा कि जब नरसंहार हुआ तब उनकी पार्टी खैबर पख्तूनख्वा में सत्ता में थी। घटना के बाद वह अस्पतालों में बच्चों के माता-पिता से मिले थे लेकिन वे सदमे और दुख में थे इसलिए उनसे ठीक से बात करना संभव नहीं था। देश में नहीं है कोई 'पवित्र गाय'सीजेपी ने कहा कि पीड़ितों के माता-पिता सरकार से मुआवजे की मांग नहीं कर रहे थे। वे सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। हमारे व्यापक आदेशों के बावजूद कोई कदम नहीं उठाए गए। इमरान खान कहा कि एपीएस नरसंहार के बाद एक राष्ट्रीय कार्य योजना पेश की गई थी। उन्होंने कोर्ट में कहा कि पाकिस्तान में कोई 'पवित्र गाय' नहीं है। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग जीती है। उस समय हर रोज बम धमाके हो रहे थे। 'एक मिनट रुकिए जज साहब!'सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को एपीएस स्कूली बच्चों के माता-पिता की बात सुननी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। इमरान खान ने आश्वासन दिया कि सरकार न्याय दिलाने का काम करेगी। शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को अपने 20 अक्टूबर के फैसले पर अमल सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। इस इमरान खान ने कहा, 'एक मिनट रुकिए जज साहब! अल्लाह स्कूली बच्चों के माता-पिता को सब्र देगा, सरकार मुआवजा देने के अलावा और क्या कर सकती है?' 'आपके पास होने चाहिए सवालों के जवाब'इमरान खान बोले, 'पता करें कि 80,000 लोग क्यों मारे गए? यह भी पता करें कि पाकिस्तान में हुए 480 ड्रोन हमलों के लिए कौन जिम्मेदार है।' सीजेपी ने कहा कि इन चीजों के बारे में पता लगाना आपका काम है। आप प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री के रूप में आपके पास इन सवालों का जवाब होना चाहिए। उन्होंने इमरान खान से कहा कि इस त्रासदी को हुए सात साल बीत चुके हैं। 'प्रधानमंत्री जी, हम कोई छोटा देश नहीं है। हमारे पास दुनिया की छठी सबसे बड़ी सेना है।' न्यायमूर्ति अमीन ने इमरान से कहा कि वह अब नरसंहार को दोषियों (टीटीपी) को बातचीत की मेज पर लेकर आए हैं। क्या एक बार फिर से वह समर्पण दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने वाले हैं?'


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