नई दिल्ली धरती पर अगले हफ्ते एक अद्भुत खगोलीय घटना घटने जा रही है। दुनिया में 1 हजार वर्षों में पहली बार लगने जा रहा है। इससे पहले 18 फरवरी वर्ष 1440 को पृथ्वी पर इतना लंबा आंशिक चंद्रग्रहण देखा गया था। यही नहीं अगली बार इस तरह का नजारा देखने के लिए लोगों को 8 फरवरी 2669 का इंतजार करना होगा। अगले हफ्ते 18 और 19 नवंबर को यह समेत पूरी दुनिया में देखा जा सकता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक आंशिक चंद्रग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी की हल्की सी छाया चंद्रमा पर पड़ने लगती है। उसने बताया कि पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर कुछ घंटे तक बनी रहेगी। अगर मौसम ने साथ दिया तो जहां-जहां पर चंद्रमा निकलता है, वहां-वहां पर यह अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। अर्थस्काई डॉट ओआरजी का कहना है कि यह चंद्रग्रहण करीब 21693 सेकंड का रहेगा जो करीब 6 घंटे और दो मिनट होता है। वेबसाइट ने बताया कि साल 1440 से लेकर वर्ष 2669 के बीच यह सबसे लंबा आंशिक सूर्यग्रहण होगा। दिल्ली, पूर्वोत्तर भारत में दिखेगा आंशिक चंद्रग्रहण भारत में चंद्रग्रहण को बहुत कम समय के लिए देखा जाएगा और यह पूर्वोत्तर के राज्यों अरुणाचल प्रदेश और असम में देखा जाएगा। इसे कुछ समय के लिए दिल्ली में भी देखा जाएगा। भारत के मौसम विभाग का कहना है कि भारत में आंशिक चंद्रग्रहण दिन में 12 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर 19 नवंबर को शाम 4.17 तक चलेगा। भारत में यह इस साल आखिरी चंद्रग्रहण होगा। अगला चंद्रग्रहण 8 नवंबर, 2022 को भारत में देखा जाएगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। इस चंद्रग्रहण को भारत के अलावा अफ्रीका, पश्चिमी यूरोप, नॉर्थ अमेरिका, साउथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, एशिया, अटलांटिक महासागर और प्रशांत महासागर के ऊपर देखा जा सकता है। आंशिक चंद्रगहण में पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा को ढंक नहीं पाती है। इससे चंद्रमा की सतह से नाटकीय तरीके का प्रकाश निकलता है। इसे पृथ्वी से देखा जा सकता है।आंशिक चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा का रंग हल्का लाल हो जाता है।
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