Saturday 25 December 2021

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ल्‍हासा लद्दाख में भारतीय सैनिकों से कड़े प्रतिरोध का सामना रहे चीन ने अब तिब्बितयों को भारत से लड़ाने की तैयारी शुरू कर दी है। चीनी अधिकारियों ने तिब्‍बती बच्‍चों को विशेष शिविरों में भेजना शुरू कर दिया है ताकि इन बच्‍चों को चीन के नजरिए से दुनिया के बारे में बताया जा सके। चीन इन बच्‍चों को हथियारों का मूलभूत प्रशिक्षण दे रहा है ताकि उन्‍हें मिलिश‍िया में शामिल किया जा सके। चीन ऐसे समय में इन तिब्‍बती बच्‍चों को शामिल कर रहा है जब लद्दाख में उसके सैनिक भीषण ठंड का सामना नहीं कर पा रहे हैं। हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के मुताबिक इन शिविरों में ज्‍यादातर बच्‍चे अभी किशोर हैं लेकिन भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक ऐसी भी खबरें हैं कि इन शिविरों में 8 से 9 साल के बच्‍चों को भी भेजा गया है। इन शिव‍िरों में बच्‍चों के दिमाग को भरने की कोशिश की गई है ताकि स्‍थानीय लोग तिब्‍बतियों को भर्ती करने का विरोध नहीं कर सकें। इससे पहले इसी महीने तिब्‍बती एक्‍शन इंस्‍टीट्यूट ने एक रिपोर्ट जारी करके कहा कि चीनी अधिकारियों ने तिब्‍बत में बोर्डिंग स्‍कूलों का एक व्‍यापक नेटवर्क तैयार किया है ताकि वहां के बच्‍चों को उनके मां बाप से अलग किया जा सके। 9 लाख तिब्‍बती बच्‍चे सरकारी स्‍कूलों में पढ़ रहे इन स्‍कूलों के जरिए बच्‍चों को उनके तिब्‍बती भाषा और संस्‍कृति से दूर किया जा सकेगा। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 9 लाख तिब्‍बती बच्‍चे जिनकी उम्र 6 से लेकर 18 साल के बीच है, सरकारी स्‍कूलों में पढ़ रहे हैं। इन स्‍कूलों में लाखों तिब्‍बती बच्‍चों को चीनी नागरिकों की तरह से बनाया जा रहा है ताकि वे चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के प्रति वफादार बन सकें। उन्‍हें परिवार से अलग कर दिया गया है और चीनी भाषा पढ़ाई जा रही है। उन्‍हें अपने धर्म को भी नहीं मानने दिया जा रहा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इन शिविरों में बच्‍चों को तिब्‍बती बौद्ध संस्‍कृति से घृणा करना सीखाया जा रहा है और उन्‍हें सैनिक के रूप में तैयार किया जा रहा है। चीन ने न्यिंगत्रि में सैन्‍य प्रशिक्षण शिविर स्‍थापित किया है। यह इलाका भारत के अरुणाचल प्रदेश राज्‍य से बिल्‍कुल सटा हुआ है। इसे दक्षिणी तिब्‍बत कहा जाता है। माना जा रहा है कि चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के इशारे पर इस तरह से सैन्‍य प्रशिक्षण शिविर बनाए जा रहे हैं। चीनी मीडिया के मुताबिक इस सैन्‍य प्रशिक्षण वाले अड्डे को वर्ष 2021 के शुरुआत में बनाया गया है। युवाओं को स्‍कूल की छुट्टी के दौरान प्रशिक्षण दिया जा रहा चीनी सेना के शिव‍िर की तरह से बनाए गए इन प्रतिष्‍ठानों में तिब्‍बती युवाओं को स्‍कूल की छुट्टी के दौरान प्रशिक्षण दिया जा रहा है। तिब्‍बतियों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्री तिब्‍बत के मुताबिक इस शिविर को ऐसी जगह पर बनाया गया है जहां पर पहले ही बड़े पैमाने पर सेना तैनात है। उधर, चीनी मीडिया का दावा है कि इन केंद्रों का निर्माण तिब्‍बती युवाओं को राष्‍ट्रीय रक्षा शिक्षा देना है ताकि उनके अंदर चीन के प्रति प्‍यार आ सके और देशभक्ति की भावना पैदा हो। वे अपने देश की सीमाओं की रक्षा कर सकें।


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