Saturday 25 December 2021

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वॉशिंगटन/नई दिल्‍ली सैकड़ों परमाणु बमों से लैस चीन-पाकिस्‍तान के खतरे का सामना कर रहे भारत के अग्नि पी मिसाइल परीक्षण की गूंज दुनियाभर में सुनी जा रही है। अमेरिकी विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की नई पीढ़ी की यह मिसाइल मात्र कुछ सेकंड में पाकिस्‍तान को तबाह करने की बेजोड़ ताकत रखती है। उन्‍होंने कहा कि इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत इसका कनस्‍तर के अंदर बंद होना है। टिन के डब्‍बे में बंद होने की वजह से इस मिसाइल में परमाणु बम को फिट करने में लगने वाला समय नहीं लगता है और भारत बहुत जल्‍द भीषण हमला करने में सक्षम हो गया है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्‍ट की ताजा रिपोर्ट में अग्नि पी की खासियत के बारे में बताया गया है। इसमे कहा गया है कि अग्नि पी मिसाइल के अंदर अग्नि -4 और अग्नि-5 की तकनीकों को शामिल किया गया है। इसमें नए रॉकेट मोटर्स, नेविगेशन सिस्‍टम और अन्‍य उपकरणों को लगाया गया है। यह मिसाइल अब अग्नि 1 मिसाइल की जगह लेगी। इसमें लगाया गया लॉन्‍चर इसे आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जा सकता है। ऐसी भी खबरें हैं कि अग्नि पी और अग्नि 5 मिसाइलें एक साथ कई परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कुछ सेकंड में ही दुश्‍मन के खिलाफ परमाणु बम से पलटवार अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा कि कनस्‍तर में सील बंद होने की वजह से अग्नि पी मिसाइल एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाए जाते समय वातावरण के प्रभाव में नहीं आती है। इस संस्‍करण में परमाणु बम को मिसाइल के अंदर ही लगाकर रखा जाता है। इससे संकट के समय में भारत मात्र कुछ सेकंड में ही दुश्‍मन के खिलाफ परमाणु बम से पलटवार कर सकता है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ने इस मिसाइल को पाकिस्‍तान को लक्ष्‍य करके बनाया है। वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर परमाणु बम को कनस्‍तर में बंद मिसाइलों के अंदर फिट करके रखा जाता है तो इसे परमाणु संकट के समय दुश्‍मन के लिए पकड़ पाना आसान नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि भारत अब बहुत कम समय में जवाबी हमला कर सकता है। भारत के पास नई अग्नि 5 मिसाइल है जो 5 हजार किमी तक मार कर सकती है। यह मिसाइल कनस्‍तर से लैस है और उसी को अब अग्नि पी में फिट किया गया है। कम मिसाइलों से ज्‍यादा लक्ष्‍यों को तबाह कर सकेगा भारत रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत एक मिसाइल से कई परमाणु बम गिराने की तकनीक पर भी काम कर रहा है। इसे MIRV तकनीक कहा जाता है और चीन के पास यह तकनीक पहले से ही मौजूद है। ऐसी अफवाह थी कि भारत ने जून 2021 में किए गए अपने टेस्‍ट में MIRV तकनीक का परीक्षण किया था लेकिन भारतीय रक्षा सूत्रों का कहना है कि इस तकनीक को बनाने और परीक्षण करने में अभी दो और साल लगेंगे। वैज्ञानिकों ने कहा क‍ि अगर भारत MIRV क्षमता हासिल कर लेता है तो वह कम मिसाइलों से ज्‍यादा लक्ष्‍यों को तबाह कर सकेगा। अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा कि भारत के शत्रु चीन के पास पहले से ही यह तकनीक है और इसी वजह से भारत MIRV तकनीक हासिल करने के लिए प्रेरित हुआ है। उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के बीच MIRV तकनीक को लेकर मची होड़ से इस इलाके पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं। भारत इससे भविष्‍य में और ज्‍यादा परमाणु बम बनाने के लिए प्रेरित हो सकता है। उन्‍होंने कहा क‍ि भारत परमाणु हथियारों का पहले इस्‍तेमाल नहीं करने नीति पर चलता है लेकिन चीन के बढ़ते खतरे के बीच इसे बदलने की मांग उठ रही है।


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