Friday 24 December 2021

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न्यूयॉर्क संयुक्त राष्ट्र (UN) ने तालिबान के आंतरिक मंत्रालय को अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए 60 लाख डॉलर की मदद देने की पेशकश की है। अफगान सरकार के इस मंत्रालय की जिम्मेदारी खूंखार आतंकवादी और हक्कानी नेटवर्क के सरगना के पास है। सिराजुद्दीन अमेरिका और यूएन के प्रतिबंधित आतंकियों की लिस्ट में शामिल है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई इस मोस्ट वॉन्टेड आतंकी को कई साल से ढूंढ रही है। यूएन के पैसों से क्या करेगा तालिबान? यूएन से मिलने वाले इस पैसे का इस्तेमाल अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालयों की सुरक्षा करने वाले तालिबान लड़ाकों को वेतन देने में किया जाएगा। इसके अलावा इन पैसों से तालिबान लड़ाकों को खाने-पीने की चीजे भी मुहैया करवाई जाएंगी। अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। लोगों को खाने के लिए अपने घरों की चीजों को सड़कों पर बेचना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने किया अपने प्रस्ताव का बचाव संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फरहान हक ने दायित्वों का हवाला देते हुए इस फंडिंग को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हमारे कार्यालय होने के कारण यह कर्तव्य बनता है कि हम मेजबान देश की क्षमता को बढ़ाएं। हम संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए इस पैसों को दे रहे हैं। इस फंडिंग के प्रस्ताव के बाद से अमेरिका समेत कई पश्चिमी देशों में बवाल मचा हुआ है। विशेषज्ञों ने यूएन से पूछे ये सवाल कई विशेषज्ञों ने सवाल उठाया है कि संयुक्त राष्ट्र क्या अपने खुद के और अमेरिका के लगाए प्रतिबंधों का उल्लंघन करेगा। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या संयुक्त राष्ट्र तालिबान को दिए पैसों को ट्रेस कर सकता है। अगर इसका गलत इस्तेमाल किया जाता है तो यूएन के पास इसे रोकने के क्या उपाय हैं। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि क्या अमेरिका संयुक्त राष्ट्र को तालिबान की मदद करने देगा। कौन है सिराजुद्दीन हक्कानी? सिराजुद्दीन हक्कानी दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठनों में से एक हक्कानी नेटवर्क का सरगना है। उसे तालिबान का नई सरकार में अफगानिस्तान का आंतरिक मंत्री बनाया गया है। यह पद किसी दूसरे देश के गृह मंत्री के बराबर माना जाता है। सिराजुद्दीन मुजाहिदीन कमांडर जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है। हक्कानी समूह पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान की वित्तीय और सैन्य संपत्ति की देखरेख करता है। अमेरिका का मोस्ट वॉन्टेड है सिराजुद्दीन हक्कानी अमेरिका ने सिराजुद्दीन को मोस्ट वॉन्टेड घोषित कर रखा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हक्कानी ने ही अफगानिस्तान में आत्मघाती हमलों की शुरुआत की थी। हक्कानी नेटवर्क को अफगानिस्तान में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। उसने तत्कालीन अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या का प्रयास भी किया था। इसके अलावा हक्कानी नेटवर्क ने भारतीय दूतावास पर आत्मघाती हमला भी किया था। माना जाता है कि सिराजुद्दीन हक्कानी का उम्र 40 से 50 के बीच में है।


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