
कैनबरा अंतरिक्ष आश्चर्यों का महासागर है जहां अनेक चौंकाने वाली चीजें रहती हैं। इसमें 'ब्लैक होल' का अपना महत्व है जिसे लेकर कई रहस्य अभी भी बरकरार हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि कर्टिन यूनिवर्सिटी के खगोलविदों ने एक अंतरराष्ट्रीय टीम के हिस्से के रूप में पृथ्वी के सबसे निकट सक्रिय ब्लैक होल की 'सबसे बड़ी' तस्वीरें खींची हैं। यह रिसर्च नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में प्रकाशित हुई है। गुरुवार को यह खोज सार्वजिनक रूप से जारी की गई जिसके लिए वैज्ञानिकों ने लगभग 12 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर आकाशगंगा 'सेंटोरस ए' के केंद्र में स्थित ब्लैक होल में गहरा गोता लगाया है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने अपनी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी। आकाशगंगा की धरती से अच्छी खासी दूरी होने के बावजूद यह ब्लैक होल 16 पूर्ण चंद्रमाओं के बराबर फैला हुआ दिखाई देता है। हालांकि नग्न आंखों से इसे देखना संभव नहीं है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में मर्चिसन वाइडफील्ड एरे (एमडब्ल्यूए) टेलिस्कोप का इस्तेमाल करके इन तस्वीरों को खींचा गया है। यह टेलिस्कोप उत्सर्जित रेडियो तरंगों का पता लगाने और फोटो खींचने में सक्षम है। सूर्य से 55 मिलियन गुना ज्यादा द्रव्यमानअध्ययन के प्रमुख लेखक बेंजामिन मैकिन्ले ने कहा कि ये रेडियो तरंगें आकाशगंगा के बीच में 'सुपरमैसिव ब्लैक' होल से आती हैं। जब सूर्य के द्रव्यमान से 55 मिलियम गुना बड़े ब्लैक होल में विस्फोट होता है तो इसमें से गैस और सामग्री प्रकाश की गति से निकलती है। इससे 'रेडियो बबल' बाहर की ओर फैलते हैं। मैकिन्ले ने कहा कि यह ब्लैक होल के चारों ओर एक डिस्क बनाता है। जैसे-जैसे सामग्री ब्लैक होल के करीब आती है, डिस्क के दोनों ओर शक्तिशाली जेट बनते हैं, यह ज्यादातर सामग्री को अंतरिक्ष में वापस निकाल देता है। अंतरिक्ष के साथ फैल रहे ब्लैक होलमैकिन्ले ने कहा कि यही कारण है कि तस्वीरों का केंद्र चमकदार दिखाई देता है। इससे पहले एस्ट्रोफिजिकल जर्नल लेटर्स में इस महीने प्रकाशित एक नई रिसर्च में, वैज्ञानिकों ने प्रस्तावित दिया था कि ब्रह्मांड के विस्तार से ब्लैक होल अधिक विशाल हो सकते हैं। ब्लैक होल अपनी ओर आने वाले प्रकाश को अवशोषित कर लेते हैं इसलिए उन्हें नंगी आंखों नहीं देखा जा सकता। कुछ ब्लैक होल का आकार सूर्य से 50 से 100 गुना बड़ा हो सकता है।
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