इस्लामाबाद पाकिस्तान के बड़बोले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने पश्चिम देशों को सीधी धमकी दी है कि अगर तालिबान को मान्यता नहीं दी गई तो उन्हें एक और 9/11 जैसे भीषण हमले का सामना करना होगा। यूसुफ ने कहा कि अफगानिस्तान को दूसरी बार अलग-थलग छोड़ देने पर पश्चिमी देशों में व्यापक शरणार्थी संकट आ जाएगा। पाकिस्तानी एनएसए ने यह धमकी ऐसे समय पर दी है जब अमेरिका और सहयोगी देश आईएसआईएस के हमले खतरे के बीच अपने सैनिकों और नागरिकों को निकालने के लिए युद्धस्तर पर डटे हुए हैं। स्काई न्यूज के साथ बातचीत में मोईद ने कहा कि जब वर्ष 1989 में सोवियत संघ की सेना इस इलाके से वापस गई थी तब पश्चिमी देशों ने अफगानिस्तान से किनारा कर लिया। साथ ही अफगानिस्तान को आतंकियों की शरणस्थली बनने दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अभी तक तालिबान को मान्यता नहीं दी है लेकिन विश्व समुदाय से अनुरोध करते हैं कि वे तालिबान के साथ बातचीत करें ताकि सुरक्षा के लिहाज से खालीपन न पैदा हो जाए। '9/11 जैसा हो सकता है हमला, तालिबान को सुना जाए' डॉक्टर यूसुफ ने कहा कि अब यह दुनिया के लिए समय है जब तालिबान को सुना जाए और पिछली गलतियों से बचा जाए। मोइद ने कहा, 'अफगानिस्तान में अगर पैसा नहीं होगा, अगर वहां पर प्रशासन नहीं होगा, अगर आईएसआईएस के और अलकायदा तथा अन्य गुट अपनी जड़ें जमाएंगे तो क्या समझते हैं क्या हो सकता है? मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह इस इलाके तक ही सिमटा नहीं रहेगा। मैंने कहीं पढ़ा था कि यह शरणार्थी संकट केवल इस इलाके तक ही सीमित नहीं रहेगा।' पाकिस्तानी एनएसए ने कहा, 'शरणार्थियों का रेला बढ़ेगा, आतंकवाद बढ़ेगा और हममें से कोई नहीं चाहेगा कि यह गलती दोबाारा हो। अफगानिस्तान को अकेले छोड़ देने का नतीजा यह होगा कि कानून-व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सुरक्षा व्यवस्था फेल हो जाएगी। वहां पर कई अंतरराष्ट्रीय आतंकी हैं जो हिंसा का रास्ता अपना सकते हैं, वहां आर्थिक संकट पैदा हो सकता है और अंतत: 9/11 जैसा हमला हो सकता है।' तालिबान को बचाने के लिए पाकिस्तान छवि चमकाने में जुटा मोईद का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान सरकार यह दावा करती है कि वह तालिबान को अलग-थलग छोड़ने की बजाय उसके साथ मिलकर काम कर रही है। इमरान सरकार का मानना है कि तालिबान सुरक्षा मुहैया कर सकता है। दरअसल, पाकिस्तान ने अपनी सेना और लश्कर जैसे आतंकियों की मदद से तालिबान को अफगानिस्तान में तालिबान राज लाने के लिए पूरी ताकत लगा दी थी। अब व्यापक हिंसा के बाद प्रतिबंधों के खतरे का सामना कर रहे तालिबान को बचाने के लिए पाकिस्तान उसकी छवि चमकाने में जुट गया है। इसी कड़ी में पाकिस्तानी एनएसए पश्चिमी देशों को धमकी भी दे रहे हैं।
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