Tuesday 31 August 2021

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इस्‍लामाबाद लश्‍कर और जैश-ए-मोहम्‍मद जैसे कश्‍मीरी आतंकियों और पाकिस्‍तानी सेना की मदद से अफगानिस्‍तान में सत्‍ता आए तालिबान ने अब इमरान खान की नींद उड़ा दी है। पाकिस्‍तानी अधिकारियों में अफगानिस्‍तान में सुरक्षा हालात को लेकर चिंता काफी बढ़ गई है। वह भी तब जब तालिबानी आतंकी अमेरिकी सेनाओं के वापस जाने के बाद देश‍ में स्थिरता लाने में जुटे हुए हैं। इस खतरे को देखते हुए पाकिस्‍तान अपने शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों को अफगानिस्‍तान भेजने जा रहा है ताकि तालिबानी सेना का फिर से निर्माण किया जा सके। पाकिस्‍तान को सबसे बड़ा खतरा आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान से नजर रहा है जो लगातार पाकिस्‍तानी सैनिकों की जान ले रहा है। टीटीपी के सदस्‍य अफगानिस्‍तान की सीमा पार करके पाकिस्‍तान में घुसते हैं और पाकिस्‍तानी सैनिकों पर हमले करके फरार हो जाते हैं। पिछले दो दशकों में हजारों की तादाद में पाकिस्‍तानी इन हमलों में मारे गए हैं। एक पाकिस्‍तानी अधिकारी ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा, 'अगले दो से तीन महीने बहुत महत्‍वपूर्ण होने जा रहे हैं।' 'हम तालिबान को सेना को फिर से संगठित करने में मदद कर रहे' इमरान सरकार को डर सता रहा है कि अमेरिका के अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस टीटीपी के लड़ाके अफगानिस्‍तान-पाकिस्‍तान की सीमा पर भीषण हमले कर सकते हैं। एक सूत्र ने कहा, 'हम तालिबान को उनकी सेना को फिर से संगठित करने में मदद कर रहे हैं ताकि वे अपने क्षेत्रों पर कंट्रोल स्‍थापित कर सकें।' अमेरिकी अधिकारी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि पाकिस्‍तान अफगानिस्‍तान में सत्‍ता में आए तालिबान की मदद कर रहा है। उधर, पाकिस्‍तान का दावा है कि उसका अब तालिबान पर प्रभाव खत्‍म हो गया है लेकिन हकीकत यह है कि तालिबान की पूरी सरकार का फैसला क्‍वेटा शूरा से हो रहा है। अफगानिस्‍तान के कई नेता इन दिनों अफगान सरकार में जगह हासिल करने के लिए पाकिस्‍तान में डेरा डाले हुए हैं। पाकिस्‍तान के सुरक्षा फैसलों से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारी ने कहा कि पाकिस्‍तान अपने शीर्ष सुरक्षा और खुफिया अधिकारियों को अफगानिस्‍तान भेजने की योजना बना रहा है ताकि तालिबान की सेना को फिर से संगठित किया जा सके। अफगानिस्‍तान जा सकते हैं आईएसआई के प्रमुख पाकिस्‍तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख भी अफगानिस्‍तान जा सकते हैं। तालिबान ने इस खबर पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। तालिबान और पाकिस्‍तान की दोस्‍ती पर अफगानिस्‍तान के पूर्व राष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह भी लगातार हमला बोलते रहे हैं। उन्‍होंने पिछले दिनों कहा था कि तालिबान की मदद के लिए पाकिस्‍तान ने हजारों की तादाद में जिहादी अफगानिस्‍तान भेजे हैं।


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