
पेइचिंग विस्तारवादी चीन अब अंतरिक्ष में कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। पृथ्वी की कक्षा में चीन कई किलोमीटर बड़ा विशालकाय 'मेगास्ट्रक्चर' बनाने की तैयारी कर रहा है। इसमें सोलर पावर प्लांट, टूरिस्ट कॉम्प्लेक्स, गैस स्टेशन से लेकर एस्टेरॉइड खनन की भी सुविधा उपलब्ध होगी। National Natural Science Foundation of China ने पांच साल के प्लान की घोषणा करते हुए शोधकर्ताओं को टेक्नोलॉजी और टेक्निक विकसित करने का निर्देश दिया है। 2035 तक स्पेस से बिजली लेगा चीनइस स्ट्रक्चर के निर्माण में हल्के वजन वाली चीजों का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि इन्हें मौजूदा रॉकेट से कक्षा में पहुंचाया जा सके। वैज्ञानिकों को कक्षा के भीतर चीजों को स्थापित और कंट्रोल करने के लिए भी तकनीक की जरूरत होगी। चीन की सरकार ने कहा है कि स्पेस में मेगाप्रोजेक्ट्स की तत्काल जरूरत है जिसके लिए विशालकाय अंतरिक्ष की आवश्यकता होगी ताकि वे कक्षा में स्थापित किए जा सकें। यह अपने आप में इस तरह की पहली परियोजना है जिस पर लगभग एक मील चौड़ा सौर ऊर्जा स्टेशन होगा जो 2035 तक चीन के ग्रिड में बिजली सप्लाई कर सकेगा। बौना हो जाएगा आईएसएसदूसरे प्रोजेक्ट्स में ऐसे कई बड़े ऑर्बिटल प्लेटफॉर्म शामिल होंगे जो कई मील स्पेस को कवर कर सकेंगे। इनके सामने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन बौना दिखेगा, जो सिर्फ करीब 350 फीट तक चौड़ा है। इस मेगास्ट्रक्चर में कई स्पेस स्टेशन शामिल होंगे जो कक्षा में अलग-अलग जगह मौजूद होंगे। चीन पहले ही अंतरिक्ष में अपना खुद का स्पेस स्टेशन Tiangong स्थापित कर चुका है। इसकी योजना अंतरिक्ष में नए रिसर्च मॉड्यूल और टेलीस्कोप भेजकर अपने आकार को बढ़ाने की है। नासा को चुनौती देना चाहता है चीनमेगास्ट्रक्चर को लेकर NSFC ने कोई खास जानकारी नहीं दी है। नई जानकारी सिर्फ रिसर्च के लिए दिए गए निर्देशों को लेकर है। चीन अपने स्पेस स्टेशन के जरिए अमेरिका के नासा को चुनौती देना चाहता है। दरअसल, नासा कई अन्य यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को ऑपरेट कर रहा है। फिलहाल इस स्पेस स्टेशन पर सात अंतरिक्ष यात्री मौजूद हैं।
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