
इस्लामाबाद पाकिस्तान ने एक बार फिर अफगानिस्तान को मिलने वाली भारतीय मानवीय सहायता में अड़ंगा लगा दिया है। भारत का कहना है कि उसने 7 अक्टूबर को अफगानिस्तान को मानवीय राहत के रूप में करीब 50,000 मीट्रिक टन गेहूं और दवाओं की पेशकश की थी। अफगानिस्तान तक मानवीय सहायता पहुंचाने के मार्ग को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच विवाद शुरू हो गया था। पाकिस्तान पहले इसके लिए तैयार हुआ था लेकिन अब उसने कई शर्तें भारत के सामने रख दी हैं। तालिबान ने 20 अक्टूबर को 'मॉस्को फॉर्मेट' वार्ता के इतर भारतीय अधिकारियों और तालिबान अधिकारियों के बीच एक बैठक के बाद नई दिल्ली की ओर से सहायता की पेशकश की औपचारिक रूप से पुष्टि की थी। एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी अधिकारियों ने इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग को सूचित किया है कि वे सिर्फ यूएन के संरक्षण में संचालित पाकिस्तानी ट्रकों को भारतीय आपूर्ति को अफगानिस्तान ले जाने की अनुमति देंगे। पाकिस्तान बोला- 30 दिनों में पूरी करें सप्लाईपाकिस्तान ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि अफगानिस्तान जाने वाली सप्लाई के परिवहन के लिए शिपमेंट शुल्क भारत सरकार की ओर से वहन किया जाना चाहिए। एक शर्त यह भी है कि भारत सीमा से पहला ट्रक भेजे जाने के बाद पूरे 50,000 मीट्रिक टन गेहूं का परिवहन 30 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत के पंजाब में वाघा बॉर्डर पर ट्रकों पर गेहूं और दूसरी सप्लाई लादी जानी चाहिए। इस्लामाबाद का अनुमान है कि भारतीय गेहूं के परिवहन के लिए लगभग 1200 ट्रकों की जरूरत होगी। 'मानवीय सहायता के लिए शर्तें नहीं होनी चाहिए'भारत ने इन मांगों को खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, 'हम मानते हैं कि मानवीय सहायता शर्तों के अधीन नहीं होनी चाहिए।' पाकिस्तान का यह कदम उसके दोगले चरित्र को उजागर करता है। इससे पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने 24 नवंबर को कहा था कि इस्लामाबाद 'भाई' जैसे अफगान लोगों के प्रति सद्भावना के रूप में नई दिल्ली की ट्रांजिट की मांग पर सहमत हो गया है। मदद के लिए तैयार हुआ था पाकिस्तानबयान में कहा गया था कि वह मानवीय उद्देश्यों के लिए 'असाधारण आधार पर' नई दिल्ली के अनुरोध को स्वीकार कर रहा है। तालिबान सरकार में विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की बैठक के बाद खान ने भी ट्वीट कर कहा था कि मानवीय उद्देश्यों के लिए पाकिस्तान के माध्यम से भारत की ओर से प्रस्तावित गेहूं के परिवहन के लिए अफगान भाइयों के अनुरोध पर पाकिस्तान 'विचार' करेगा।
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